आज के समय में घर खरीदना हर किसी का सपना होता है, लेकिन इसकी ऊंची कीमतों की वजह से अधिकतर लोग होम लोन का सहारा लेते हैं। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट में कटौती कर एक बड़ी राहत दी है। इस फैसले से होम लोन की EMI (Equated Monthly Installment) कम हो सकती है, जिससे कर्जदारों को फायदा मिलेगा। अगर आपने पहले से होम लोन ले रखा है या लेने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है।
RBI ने रेपो रेट में की कटौती
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है, जिससे यह घटकर 6.25 प्रतिशत हो गया है। रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है। जब रेपो रेट कम होता है, तो बैंकों को भी कम ब्याज पर कर्ज मिलता है और वे ग्राहकों को कम ब्याज दर पर लोन देने लगते हैं। इससे होम लोन की EMI कम हो सकती है।
40 लाख रुपये के लोन पर कितना फायदा होगा?
अगर आपका होम लोन 40 लाख रुपये का है और इसकी अवधि (टेन्योर) 20 साल की है, तो आपको कुल 240 मंथली EMI भरनी होगी। पहले 9% ब्याज दर पर—
- आपकी महीने की EMI लगभग 35,989 रुपये होती थी।
- 20 साल में कुल ब्याज भुगतान लगभग 46.37 लाख रुपये होता था।
लेकिन, अब RBI के 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती के बाद यदि बैंक भी अपनी ब्याज दरों को इसी अनुपात में घटाते हैं, तो—
- आपका नया ब्याज दर 8.75% हो जाएगा।
- अब नई EMI लगभग 35,348 रुपये होगी।
- हर महीने 641 रुपये की बचत होगी।
- 20 साल में कुल ब्याज भुगतान घटकर 44.83 लाख रुपये हो जाएगा।
- कुल 1.54 लाख रुपये की बचत होगी।
EMI कम करें या लोन टेन्योर?
जब ब्याज दर कम होती है, तो आपके पास दो विकल्प होते हैं—
- EMI कम कर सकते हैं: इससे हर महीने आपका वित्तीय बोझ हल्का होगा।
- लोन टेन्योर (अवधि) कम कर सकते हैं: इससे कुल ब्याज भुगतान कम होगा और लोन जल्दी खत्म हो जाएगा।
उदाहरण के लिए, यदि ब्याज दर 9% से घटकर 8.75% हो जाती है और आप EMI में बदलाव नहीं करते, तो—
- आपकी EMI 35,989 रुपये बनी रहेगी।
- EMI की संख्या 240 से घटकर 229 हो जाएगी।
- आप 11 महीने पहले ही लोन चुकाने में सक्षम होंगे।
- इस स्थिति में 3.95 लाख रुपये की कुल बचत होगी।
इसलिए, यदि आपका बजट अनुमति देता है, तो EMI की जगह लोन की अवधि कम करना अधिक फायदेमंद रहेगा।
रेपो रेट कटौती का बैंकों पर प्रभाव
RBI द्वारा रेपो रेट में कटौती का यह मतलब नहीं कि सभी बैंक तुरंत अपनी ब्याज दरें कम कर देंगे। हालांकि, अक्टूबर 2019 से सभी फ्लोटिंग रेट होम लोन को बाहरी बेंचमार्क से जोड़ा गया है, जिसमें रेपो रेट भी शामिल है। इसका मतलब यह है कि रेपो रेट घटने पर बैंक भी ब्याज दर कम करेंगे।
बैंकों के लिए भी उधार लेना सस्ता हो जाएगा, जिससे वे ग्राहकों को कम ब्याज दर पर लोन दे सकते हैं। इससे आने वाले समय में होम लोन लेना और भी किफायती हो सकता है।
RBI के इस फैसले से होम लोन ग्राहकों को EMI पर राहत मिलेगी। रेपो रेट में कटौती से बैंकों को भी फायदा होगा, जिससे वे कम ब्याज दर पर लोन दे सकते हैं। अगर आप होम लोन लेने की सोच रहे हैं या पहले से लोन ले चुके हैं, तो यह आपके लिए एक अच्छा अवसर है। EMI कम करने की बजाय लोन की अवधि घटाने से आपको लंबे समय में ज्यादा बचत होगी।
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